(डायबिटीस )मधुमेह से डरो मत भाग-1
प्रस्तावना
आहार का महत्व विस्तार से
मधुमेह क्या है?
मधुमेह रोगी का आहार नियम
मधुमेह नियंत्रण रेसिपी , डायट प्लान नमूना
श्रीमद्भगवद्गीता में एक पंक्ति है “अन्नाद्भवन्ति भूतानि” जिसका अर्थ है “मनुष्य भोजन से बना है”। हमारे शरीर का हर अंग हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन का हिस्सा है। माँ के गर्भ की एक कोशिका से लेकर आज हमारा शरीर जो है वह भोजन से बना है। और यह सिलसिला तब तक चलता रहता है जब तक हम जीते हैं।हमारी आखरी साँस तक।सही मात्रा में लिया गया सही प्रकार का भोजन हमें जीवंत स्वास्थ्य की अनुभूति देता है। अच्छा पोषण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। भोजन करना केवल पेट भरने की गतिविधि नहीं है। लेकिन आहार के अन्य कार्य भी हैं।
जिसमें (1) शरीर को शक्ति (ऊर्जा) देना। (2) शरीर का निर्माण करना । (3) शरीर के स्वास्थ्य और सुरक्षा की आवश्यकता प्रदान करना।
यदि अपर्याप्त, असंतुलित पोषक तत्वों वाले आहार का सेवन किया जाए तो इनमें से प्रत्येक कार्य बाधित हो सकता है। तो, शरीर के कामकाज में गड़बड़ी होती है और शरीर के अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। भोजन में पोषक तत्वों का शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन तत्वों का 90 से 95% हमें अपने दैनिक आहार से स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है। सभी प्रकार के भोजन से हमें कुल छह पोषक तत्व मिलते हैं।
(1) पानी (2) कार्बोहाइड्रेट (3) प्रोटीन (4) वसा(फेट ) (5) खनिज (6) विटामिन
इस प्रकार के प्रत्येक पोषक तत्व से हमारा शरीर बनता है। हमारा दैनिक आहार इनमें से प्रत्येक आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और उसका असर हमारे स्वास्थ्य या बीमारी को निर्धारित करता है। शरीर की आवश्यकता के अनुसार सभी पोषक तत्वों से शरीर का स्वास्थ्य उचित मात्रा में बना रहता है। और उसके लिए आरडीए द्वारा बताए गए भोजन समूह के अनुसार दैनिक आहार में कम से कम निचे बताये गए आहारजूथ से भोजन करना चाहिए।
“भोजन“ |
“पोषक तत्व“ | ||
अनाज:- चावल, बाजरी, गेहूं, रागी, मक्का, ज्वार, जौ आदि
|
एनर्जी, प्रोटीन, विटामिनबी2, आयरन, फाइबर, फोलिक |
||
दालें, फलिया :- चना, उड़द, हरा चना, लाल चना, राजमा, तुवर, मूंग,सोयाबीन, मटर आदि
|
एनर्जी, प्रोटीन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन,विटामिन, फाइबर
|
||
दूध और दूध से बने उत्पाद :- दूध, पनीर, मक्खन, दही, छाछ,आदि |
प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी2, फैट
|
||
मांसाहार :- (वैकल्पिक) चिकन, मछली, अंडा,मटन
|
प्रोटीन, ऊर्जा विटामिन, वसा
|
||
फल और सब्जियां :आम, तरबूज,पपीता,संतरा, मोसबी, सेब,टेटि, चीकू, अनानास, केला आदि
सब्जियां :- पालक, मेथी, सावा, चावल, आदि.धनिया,पुदीना, मेथी, बैंगन, केसर, गाजर, टमाटर, शिमला मिर्च,प्याज, पत्ता गोबी,फुलगोबी,आदि |
कैल्शियम, मिनरल,
विटामिन, फाइबर
|
||
वसा और मिठाई :-मक्खन, घी,तेल, चीनी, गुड़, चीनी, शहद(कममात्रा)
|
ऊर्जा, फैटी एसिड,वसा | ||
अपने दैनिक आहार में चार्ट में लिखित खाद्य पदार्थों को आवश्यक मात्रा में शामिल करके आप पौष्टिक आहार की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं।जैसा कि हमने आगे देखा, मधुमेह के उपचार में आहार और जीवन शैली प्रबंधन का योगदान प्रमुख है।आमतौर पर हम जो खाना खाते हैं जैसे रोटी, दाल, चावल, सब्जी आदि में 6 तरह के पोषक तत्व होते हैं।
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, पानी। इनमें से प्रत्येक पोषक तत्व हमें अपने दैनिक आहार से बढ़ती या घटती मात्रा में उपलब्ध होता है।अगर ये मात्रा घट या बढ़ जाए तो इसका प्रभाव और दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर दिखाई देता है।
अब हमें यह देखना है कि जो भोजन हमने लिया है क्या वह हमारे लिए पर्याप्त है? क्या इसे मापा जा सकता है?
कैलोरी हमारे भोजन की ऊर्जा को मापने की इकाई है।
कैलोरी क्या है आइए समझते हैं।
यदि हम 1 ग्राम पानी लेते हैं, इसका तापमान 30 डिग्री है, अब हम तापमान को 30 डिग्री से 31 डिग्री में बदलना चाहते हैं, तो हमें जितनी उष्मा (ऊर्जा) देनी होती है, वह 1 कैलोरी कहलाती है।इसी तरह, अगर 1 ग्राम ग्लूकोज (कार्बोहाइड्रेट) बर्न किया जाए तो 4 कैलोरी बर्न होती है 1 ग्राम प्रोटीन से 4 कैलोरी बर्न होती है। 1 ग्राम फैट से 9 कैलोरी बर्न होती है।
आइए अब समझते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में कितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है।
आसान जीवन शैली — 1200 कैलोरी
सामान्य कार्यकर्ता – 2500/2700 कैलोरी
श्रम कार्य, कृषि कार्य, भारी मजदूर – 3500/4000 कैलोरी
आमतौर पर हम जो भोजन ग्रहण करते हैं उसमें 50 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है,
15 से 20 ग्राम वसा, 15 से 20 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
शाकाहारियों को दाल, दाल, दूध, दुग्ध उत्पादों से कम मात्रा में प्रोटीन मिलता है, मांसाहारियों को मांस, मछली, अंडे से प्रोटीन मिलता है।कार्बोहाइड्रेट अनाज, फल आदि से प्राप्त होते हैं।वसा घी, तेल, मलाई, मक्खन आदि से प्राप्त होती है।
अब आइए भोजन समूह द्वारा प्रत्येक भोजन की विस्तृत पोषण संबंधी जानकारी देखे।
अनाज :– गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जई, राग आदि
प्रति 100 ग्राम गेहूं में 341 कैलोरी, 12.1 प्रोटीन, 1.7 वसा, 69.9 कार्बोहाइड्रेट
प्रति 100 ग्राम, चावल में 346 कैलोरी, 7.5 प्रोटीन, 1.0 वसा, 76.7 कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
प्रति १०० ग्राम ज्वार में 349 कैलोरी, 10.4 प्रोटीन, 1.9 वसा, 72.6 कार्बोहाइड्रेट होता है। सर्दी। रागी में 328 कैलोरी, 7.3 प्रोटीन, 1.3 वसा, 72.0 कार्बोहाइड्रेट होते हैं। रागी एक ऐसा अनाज है जिसे बारह महीने तक खाया जा सकता है।
बोस्टन में हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में किए गए एक संशोधन में डॉ. सन बताते हैं कि चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 66 और ग्लाइसेमिक लोड 35 होता है, लेकिन चावल में कम फाइबर होने से उसमे अन्य सब्जियों या दालों को मिलाने के कारण चावल, शरीर में सुगर को तेज नहीं करता।
अपनी रिसर्च के मुताबिक वे डायबिटीज के मरीजों को चावल खाना पूरी तरह से बंद करने के लिए नहीं कहते, लेकिन हफ्ते में 2-3 बार लेनी की सलाह देते है।वहीं डॉ. सियापोज़ मेसिटिस का कहना है कि हर तरह का स्टार्च युक्त खाना डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए हानिकारक होता है अगर इसका ज़्यादा सेवन किया जाये।
डॉ रॉबिन वेब, जो डायबिटीज फोरकास्ट पत्रिका के संपादक हैं और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 13 कुकबुक के लेखक हैं, उनके अनुसार मधुमेह के रोगियों को गेहूं के आटे के व्यंजन के बजाय दलिया का उपयोग करके साबुत अनाज खाना चाहिए। मैदा ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है।मेने भी मेरे पेशेंट के रिपोट्स में पोसिटिव चेनजिस देखा है जब उनके डायट में रिफाइंड अनाज के बदले साबुत अनाज का इस्तेमाल करवाया।
अधिक जानकारी पार्ट-2 में
डायटीशियन रश्मि (एमडी) हेल्थ विला डाइट क्लिनिक (गुजरात)
सुझाव और कमेंट जरूर दे। (healthvillaclinic@gmail.com) (+91 9924586600)
(फैमिली डॉक्टर और फैमिली डायटीशियन की सलाह के बिना डाइट में बदलाव न करें)
its very informative blog.Keep it up dear.
बहोत ही उपयोगी ब्लोग मेरे जेसे डायाबिटिक के लिये.
धन्यवाद मेडम. लोग पैसे लेकर भी इतनी अच्छी गाइडन्स नही देते।आप फ्री मे लोगो को अवेर कर रहे हो.अभिनंदन.🙏
बहोत ही लाभदायक आर्टिकल है.दुसरे भाग का इंतजार है.
धन्यवाद मेडम
Doctors recommended to eat everything. but dietitian gives true advice.
Thank you madam
very useful blog Ma’am.
keep it up…
waiting for the next part
sahi bat kahi aapne madam insan ko food ki value karna chahiye or sath me apne sharir ka bhi dhyan rakhna chahiye,,nice writing..
minal parekh
Good to see someone in the society , who is spreading knowledge without any perk.
Keep it good work Dear madam.
very nicely explained..good blog.
Jignesh.
Behtreen likhavat madamji..
Beauty with Brain.God bless
Salam from Dubai…
Very well written Ma’am. It is very useful. Keep writing.
Well done.
Good one Mam
Bahot achcha hai
I really like your writing style..Its so easily understandable. You can visit my blog at https://similar.my.id and then maybe you can share your thought about mine.